आत्मविश्वास
घर में शान्ति है मिंकू बाहर खेलने जो गया है। सन्नाटा काटने को दौड़ता है। तभी मम्मी....... मम्मी........ भागता हुआ नन्हा मिंकू अन्दर आया । यहीं हूँ बेटा....... यहीं हूँ ....... । माँ का चेहरा देखा । हांफते हुए ,धूल से सने चेहरे में थकान के बावजूद राहत की रेखाएं स्पष्ट नज़र आती हैं । और वह फ़िर खेलने में मग्न हो जाता है। परन्तु हर दस मिनट में माँ को देखने आ जाता है।
वक्त बदल गया है। समय ने तेज़ी से करवट बदली है । माँ रसोई में खाना बना रही है। मिंकू....... मिंकू...... । आया मम्मी....... । मिंकू मम्मी के साथ रसोई में है। माँ पूरे आत्मविश्वास और प्रेम के साथ खाना बना रही है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment