Thursday, July 9, 2009

वाक् एंड टॉक

हमारे शर्माजी walk and talk आईडिया से बड़े प्रभावित हैं। और तो और कल से उसपर अमल करने का निश्चय भी कर लिया है। वाह सरजी
सुबह नित्य क्रिया में लिप्त बॉस का कॉल भी नही उठाया अरे भाई क्योंकि टॉयलेट में सिर्फ़ talking की सुविधा है walking की नही। कुछ भी हो आज तो इसे अपनाना ही है। इस walking के चक्कर में बढ़िया नाश्ते का स्वाद किरकिरा हो गया । बंटी की स्कूल बस भी उसे छोड़ कर चले गई आख़िर talking करते करते थोडी walking ही तो कर ली थी और बस स्टाप से थोड़ा दूर ही तो निकल आय थे। चिल्ला चिल्ला कर रोकने की कोशिश भी की लेकिन कोई फायदा नही.बसवाले ने तो पीछे मुड़कर भी नही देखा।
अब पेट्रोल भरवाते समय ज़रा की walking ही तो कर रहे थी इसमे इतना गुस्सा किस बात का पर पीछे से गालियों की आवाज़ ने वो भी न करने दी। अब ५ मिनट ट्रैफिक जाम हो गया था तो क्या हुआ।
ऑफिस में बॉस तो यमराज की तरह उनका ही इंतज़ार कर रहा था उन्हें यु walking talking करते देख गुस्से से लाल पीला हो गया और साडी भड़ास files में भर कर उनके टेबल पर दे मरी उन्हें समझ नही आया से गुस्सा अभी का था या सुबह फ़ोन नही उठाने का। आज तो काम करते करते कमर टूट गई।
अब इसमे तो उनकी कोई गलती नही जो लिफ्ट में walking talking को महिला सहकर्मी ने eve teasing समझ कर हल्ला मचा दिया। बैजती हुई सो अलग धुनाई हुई वो अलग।
बाज़ार में दुकाने बड़ी छोटी है walking talking के लिए जगह ही नही तो बन्दा बहार जाएगा ही अब वो क्या करे अगर उसके आर्डर का समान कोई और ले जाय ओर बिना खरीदे ही बिल उसे भरना पड़े।
हद तो तब हो गई मुख्य रास्ते पे गाड़ी खड़ी करके ज़रा सी walking talking कर ही रहे थे की मुय चोर गाड़ी ले के चंपत हो गय।
इससे बुरा क्या होता घर आ के कान पकड़ लिए
नो walking while talking
नो talking while walking
इसे कहते है -----why this idea sirji


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